ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः
आज हिंदुस्तान के समाजों के पृष्टपटल पर जिस विश्वकर्मा समाज की संरचना दिख रही है
इस विश्वकर्मा वंश ने जम्मू कश्मीर में लगभग 130 सालों तक राज किया है ।
और जिस मार्तण्ड को हमने अंगीकार किया है इस उपाधि को उन्ही लोहार वंशीय साशकों द्वारा धारण कर कश्मीर के इतिहास को गौरवान्वित किया था ।
भाइयों हम हमेसा से दबे कुचले नहीं रहे हैं प्राचीन भारत के इतिहास के पन्नों पे जमीं धूल उड़ाने पर साफ़ झलकता है कि हम विश्वकर्मा वंशीय आर्यों के साहित्य में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, चाहे वो ऋग्वेदिक साहित्य रहा हो या
आदि जगतगुरु शंकराचार्य ।
भाइयों हमारा समाज एक मजबूत संगठन एवं शिक्षा के आभाव में रहने के कारण,आज हम शूद्र जैसे जातियों का पर्याय हो रहे हैं ।
आप का
रजनीश शर्मा मार्तण्ड
मो-9412428656
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