भाइयों मित्रों हम जहाँ पर भी जायें सनातन परंपरा के बारे में जरूर बात करें और सृष्टि के निर्माण के बारे में अवश्य बताएं साथ में भगवान् श्री विश्वकर्मा का योगदान जरूर बताएं।
तथा कथित ब्राम्हणों क्षत्रियों वैश्यों को बताएं कि
==>जब ब्रम्हाण्ड में कुछ नहीं था तब हम विश्वकर्मा वंशियों ने कागज,कलम,दावात का आविष्कार किया फिर अक्षरों का आविष्कार करके कुछ लोगों को उसे लिखना पढ़ना सिखाया तब तुम ब्राम्हण हुए।
और पठन/पाठन का कार्य करने लगे
===>जब ब्रम्हाण्ड में कुछ नहीं था हमने तीर,तलवार,धनुष आदि हथियारों को बनाया उसको चला कर देखा और कुछ लोगों को चलाना बता दिया तब तुम जा कर क्षत्रिय बने।
और युद्ध करने के लायक हुये।
===>जब ब्रम्हाण्ड में कुछ नहीं था तब हमने तराजू बनाया किलो पौन सवैया आदि बनाया लोगों को जोड़ना घटाना सिखाया तब तुम जा कर वैश्य हुए ।
और व्यापार करने लायक हुए।
इस तरह मैंने तुम सबको सब कुछ दान किया इसलिये हम तुम सबके पूज्य हैं ।
हम विश्वकर्मा हैं
भाइयों मानव प्रजाति/जाति को हमने सबकुछ दिया मगर इन्होंने हमें क्या दिया । आप जहा भी हैं लोगों से अवश्य पूछें बताएं।
धन्यवाद
आप सबका
रजनीश मार्तण्ड
राष्ट्रीय सचिव
विश्व विकास सुरक्षा दल
9455502007
9455100070
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